Priyanka06

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लेखनी कहानी -16-Jun-2022 मैं फूल हूं मैं फूल हूं

रचयिता-प्रियंका भूतड़ा

शीर्षक-फूल हूं मैं फूल हूं

फूल हूं मैं फूल हूं
कहीं पुष्प तो कहीं सुमन
विभिन्न है पर्यायवाची शब्द

माली है मेरा जन्मदाता
धरती है मेरी माता
जल ,मिट्टी ,सूरज का प्रकाश
है मेरा खाना

धरती के गर्भ में हूं लेटी
बीज बनकर मिट्टी की गोद में लेटी

बीज, तना बनकर हुई बड़ी
माली ने कहा फूटी है आज नयी कली
कली  बनकर मै आज खिली

खिलकर में बनी नन्हा फूल
चहुं दिशा में हुई मेरी पूछ
चहुं दिशा में है मेरी सुगंध
हुई मुझे खुशी उत्पन्न

कभी मैं मंदिर जाती
माला में पिरोई जाती
बनती में भगवान का श्रृंगार
कभी मिलता चरणों का स्पर्श

कभी किसी के घर जाती
बनाए जाते मुझसे गजरे
प्रियतम के बालों में मैं सजती
सजकर वह प्रियवर की बाहों में शरमाती

बगीचे की बनी में सदाबहार
दो प्रेमी करें प्रेम का इजहार
दोनों को देख मिलती खुशियां हजार


नॉनस्टॉप प्रतियोगिता 2022 भाग-


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6 Comments

Parangat Mourya

08-Feb-2023 01:31 AM

Stellar

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Radhika

05-Feb-2023 07:40 PM

Nice

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Pallavi

18-Jun-2022 09:47 PM

Nice post 📯

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